Commonwealth Games के बाद गायब हुए दो पाकिस्तानी बॉक्सर, हो रही है जांच
Commonwealth Games के बाद गायब हुए दो पाकिस्तानी बॉक्सर, हो रही है जांच
कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) का मुकाबला खत्म हो चुका है जिसके बाद दो पाकिस्तानी मुक्केबाज के गायब होने से एक अलग ही चर्चा शुरू हो चुकी है. दरअसल 22वें कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) के खत्म होने के बाद पाकिस्तानी कैंप अपने दो एथिलीट के गायब होने से काफी चिंता में है. मुक्केबाज सुलेमान बलूच और नजीबुल्लाह टीम के इस्लामाबाद रवाना होने के कुछ घंटे पहले गायब हो गए हैं. सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि उनके पासपोर्ट सहित यात्रा दस्तावेज अभी भी महासंघ के अधिकारियों के पास है.
गंभीरता से हो रही मामले की जांच
कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) का आयोजन 28 जुलाई से 8 अगस्त तक हुआ जहां ब्रिटेन में स्थित पाकिस्तान उच्चायोग और लंदन में संबंधित अधिकारियों को खिलाड़ियों के गायब होने की सूचना दे दी गई है. उन्होंने आगे कहा कि दोनों खिलाड़ियों के दस्तावेज सभी एथलीटों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार रखे गए थे जहां इस घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच के लिए 4 सदस्य समिति गठित की गई है. पाकिस्तान के इन दोनों मुक्केबाजों को इस्लामाबाद वापस लौटना था जो इस वक्त लापता हो चुके हैं और अभी इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है.
Commonwealth Games में पाकिस्तान को मिले 8 पदक
कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) के बाद मुक्केबाजों के लापता होने की घटना राष्ट्रीय तैराक फैजान अकबर ने हंगरी में पीना विश्व चैंपियनशिप से गायब होने के 2 महीने बाद हुई है. हालांकि अकबर ने चैंपियनशिप में प्रतिस्पर्धा तक पेश नहीं की और बुडापेस्ट पहुंचने के कुछ ही घंटों बाद अपने पासपोर्ट और अन्य दस्तावेजों के साथ गायब हो गया. जून के बाद से उसका पता नहीं चल सका है. आपको बता दें कि इस बार कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) में पाकिस्तान को कुल 8 पदक मिले हैं जिसमें दो स्वर्ण पदक शामिल है.
मुक्केबाजी में नहीं मिला कोई मेडल
इस बार के कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) में पाकिस्तान ने कुछ खास प्रदर्शन नहीं दिखाया जहां राष्ट्रमंडल खेलों की मुक्केबाजी प्रतियोगिता में पाकिस्तान को कोई भी पदक हासिल नहीं हुआ. देश ने भारोत्तोलन और भाला फेंक में दो स्वर्ण सहित इन खेलों में 8 पदक जीते. वहीं इस बार ऑस्ट्रेलिया सबसे ज्यादा पदक के साथ नंबर एक पर रहा था जहां कॉमन वेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) के अंत होते-होते तक भारत ने चौथी स्थान पर अपनी जगह बना ली थी.
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