Shikhar Dhawan के हाथ से जिंबाब्वे सीरीज की कप्तानी जाते ही मचा बवाल
Shikhar Dhawan के हाथ से जिंबाब्वे सीरीज की कप्तानी जाते ही मचा बवाल
भारत और जिंबाब्वे के बीच होने वाली तीन मैचों की वनडे सीरीज में पहले शिखर धवन (Shikhar Dhawan) को बतौर कप्तान चुना गया था लेकिन जब से केएल राहुल इस सीरीज के लिए पूरी तरह से फिट हुए हैं उन्हें कप्तान बनाया गया जिसके बाद शिखर धवन (Shikhar Dhawan) से कप्तानी छीनने को लेकर अलग ही चर्चा शुरू हो चुकी है जहां अब पूर्व सेलेक्टर ने इस पर एक बहुत बड़ी बात कह दी है. शिखर धवन से कप्तानी छीनने पर उन्होंने सेलेक्टर्स पर भी सवाल उठाया है.
Shikhar Dhawan को कप्पूतानी से हटाने पर पूर्व सेलेक्टर्स ने उठाया सवाल
आपको बता दें कि जब केएल राहुल चोटिल थे तो उस परिस्थिति में भारत और जिंबाब्वे के बीच होने वाली सीरीज में शिखर धवन (Shikhar Dhawan) को बतौर कप्तान नियुक्त किया गया था लेकिन अब केएल राहुल के आते ही उन्हें उप कप्तान की भूमिका दे दी गई है जहां टीम इंडिया के पूर्व सेलेक्टर सबा करीम ने इस पर सवाल उठाया है. उनका मानना है कि धवन को कप्तानी से नहीं हटाना चाहिए था. केएल राहुल को बतौर खिलाड़ी टीम का हिस्सा बनाना चाहिए था लेकिन कप्तानी शिखर धवन (Shikhar Dhawan) के हाथ में ही रहती.
बतौर खिलाड़ी केएल राहुल होते शामिल
काफी समय के बाद केएल राहुल भारत और जिंबाब्वे के बीच होने वाली सीरीज से वापसी कर रहे हैं जो बीते दिनों ग्रॉइन इंजरी और कोरोनावायरस की चपेट में आ गए थे जिस वजह से वह टीम इंडिया का हिस्सा नहीं हो पाए हैं. वहीं दूसरी ओर सबा करीम ने बताया कि केएल राहुल की वापसी टीम में एक खिलाड़ी के रूप में होनी चाहिए थी. उन्हें कप्तान या उप कप्तान बनाना इतना जरूरी नहीं था. वह लंबे ब्रेक के बाद आ रहे हैं. शिखर धवन (Shikhar Dhawan) टीम के एक सीनियर खिलाड़ी है जिन्होंने व्हाइट बॉल क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया है. कप्तान के रूप में घोषणा करने के बाद आपको उसे महत्व देना होगा.
फैसले पर करना चाहिए विचार
बीते समय से यह देखा जा रहा है कि टीम इंडिया के लगातार कई कप्तान बदले गए जहां बीसीसीआई की रणनीति अभी तक किसी को समझ में नहीं आ रही है. वहीं आयरलैंड दौरे पर भी शिखर धवन (Shikhar Dhawan) को कप्तानी सौंपी गई थी जिन्होंने अपनी कप्तानी में बेहद ही शानदार प्रदर्शन करके दिखाया था.
ऐसे में सबा करीम का कहना है कि इस तरह के फैसले बहुत सोच समझ कर लेने की जरूरत है. जल्दबाजी करने से टीम का ही नुकसान होता है क्योंकि यह टीम के माहौल से जुड़ा हुआ फैसला है. आपको टीम भावना का निर्माण करने की जरूरत है. यह कप्तान आने वाले मैच के लिए अपनी योजनाओं के बारे में सोचना शुरु करता है और आप अचानक कप्तानी में बदलाव कर देते हैं तो यह खिलाड़ी के मनोबल को कहीं ना कहीं प्रभावित करता है.
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